एक कसूर करने जा रहाँ हूँ
कुछ एक सुर छोड़ जा रहाँ हूँ
जिन नगमों को हम गा ना सकें
तेरे आँगन में दफन किये जा रहाँ हूँ
तेरी आँखरी साँसों की गूँज समेट
कुछ खामोशी ढूंढने जा रहाँ हूँ
मक़रूज़ जिंदगी से कुछ जवाब
अब उसूल करने जा रहाँ हूँ
एक खुदा की खुदगर्ज़ी का कसूर
गवारा करने जा रहाँ हूँ
Category: love
हस्ती
चाँद को यूँ जलाया ना करो
मक़सद हमारे यूँ बदलाया ना करो
आदत तुम्हारी यूँ लगाया ना करो
बेजार दिल ने की शिकायत खुदा से
क्यों तराशा तेरे चेहरे को इतने इत्मिनान से
बोला इसलिए समाया तुझमे कायनात को
ताकि मेरी हस्ती पे शक तुम किया ना करो
बिस्मिल
चंद अल्फ़ाज़ उतर ना पाए जुबान पर
खामोश रह गयी तेरी बिदाई
अब किश्तों में मचाएंगे शोर जिंदगी भर
ये बिस्मिल दिल और तन्हाई
The Heart Will Break
The Sun does not
Shine any less
When the clouds
Preside over the darkness
The waves do not
Come to a stall
Before the rocks knowing
What would befall
The river does not
Abate its persistence
Flowing into the ocean
To cease its existence
I seek a ray of hope
With no sign of dawn
“The heart will break
But broken live on”
जीजान
लो फिर से हो गए खड़े चौराहें पे
चाहनेवालों को देने फूल के ठेले
अब कुछ मजनू और कुछ लैला खरीदेंगे
अपने इश्क़ का सबूत थोड़े थोड़े सिक्कों में
अरे इस गुल को तो बक्श दिया होता
तुम्हारे चंद रोज के बुखार में कुर्बान ना होता
अगर हैं शौंख मोहब्बत सरहाने का तो सुनो
एक भवरा ढूंढ रहां हैं खोये हुए जीजान को
क्या खोया, क्या पाया?
ये बेक़रार तेरी आहट में
इत्मीनान पाता हैं
ये मोहताज तेरे साये में
पनाह पाता हैं
ये मुसाफिर तेरी जुस्तजू में
मंजिल पाता हैं
ये कंजर तेरी निगाहों में
जहाँ पाता हैं
तू नहीं यहाँ मगर
तेरी जुदाई सहकर
ये काफिर तेरी हस्ती में
खुदाई पाता हैं
पल
जिंदगी जूनून ना बन जाए
हसरत चाहत न बन जाए
अपने लटों को उँगलियों से ना छेड़िये
अपनी निगाहों से हमें कैद ना कीजिये
ये पल पूरी जिंदगी ना बन जाए
आप हमारी कायनात ना बन जाए
बेनाम
कुछ मंजिलो के रास्ते नहीं होते
उन मुसाफ़िरों के काफिले नहीं होते
कुछ जज्बातों के अल्फ़ाज़ नहीं होते
उन खामोशियों में हमसफर नहीं होते
कुछ दुआओं की वजह नहीं होती
उन चाहतो में खुदगर्जी नहीं होती
कुछ ख्वाइशें अंजाम नहीं होती
उन यादों में कड़वाहट नहीं होती
कुछ पल इत्मिनान नहीं होते
उन मौजुदगियों में पराये नहीं होते
कुछ इकरार बयान नहीं होते
उन रिश्तों के नाम नहीं होते
दूरी
तेरे खयालों से खुद को दूर कर सकूं
इतनी अदब मेरे दिल में कहाँ
ये जुर्म तुझसे कबूल कर सकूं
इतनी तू मेरे पास कहाँ
You and Me
You and me
We fight so hard
Every word
Like a flying shard
You and me
And days of yonder
How far we’ve come
Do you remember?
You and me
Why do the eyes weep?
In our arms
When we now seep
You and me
In a gaze deep
The hugs last long
We fail to sleep
You and me
A future we wrote
But somewhere along
We forgot to dote
You and me
What rocked our boat?
Love slowly sinks
Hope falters to float